
उत्तराखंड के डरावने पहाड़ और एक रहस्यमय फिल्म: पेची (Pechi)
उत्तराखंड के पहाड़ों से अनगिनत लोककथाएं और किंवदंतियां जुड़ी हुई हैं। यह स्थान अपनी प्राकृतिक सुंदरता के साथ-साथ कुछ अज्ञात और रहस्यमय कहानियों के लिए भी जाना जाता है। यहां के लोगों के मुंह से कुछ ऐसी कहानियां सुनाई जाती हैं, जो आधुनिक विज्ञान की समझ से भी परे हैं। ऐसी ही एक लोककथा है ‘मशान’ – एक शब्द जिसका पहाड़ में उच्चारण करना भी वर्जित है। माना जाता है कि जो देर रात अकेले पहाड़ में जाता है और किसी से आंखें मिलाता है, वह मशान का शिकार हो जाता है। आधुनिक भाषा में जिसे हम भूत या प्रेत कहते हैं, उत्तराखंड के पहाड़ों में उसके अस्तित्व को बिल्कुल भी नकारा नहीं जा सकता।
इस क्षेत्र से परियों के देश या ‘परियों के पहाड़’ की कहानियां भी जुड़ी हुई हैं। कहा जाता है कि यदि कोई यात्री वहां जाकर परियों की नजर में आ जाता है और उन्हें पसंद आ जाता है, तो वे उसे हमेशा के लिए अपने पास ले जाती हैं, उसे दुनिया से गायब कर देती हैं। ये सभी कहानियां देखने में सामान्य काल्पनिक लग सकती हैं, लेकिन जहां विज्ञान रुक जाता है, वहां पहाड़ का जादू शुरू हो जाता है।
हाल ही में, ऐसे ही एक पहाड़ी रहस्य पर आधारित एक फिल्म ‘पेची’ अमेजन प्राइम पर रिलीज हुई है, जो हिंदी डबिंग में उपलब्ध है। यह एक बुद्धिमान हॉरर फिल्म है, जिसमें केवल डरावने दृश्य नहीं, बल्कि उसके पीछे एक गहरी और शक्तिशाली कहानी छिपी है।
फिल्म का मुख्य विषय
‘पेची’ पांच दोस्तों की कहानी है, जो जीवन के एक बड़े एडवेंचर की तलाश में ऐसे पहाड़ पर कैंपिंग करने की योजना बनाते हैं, जहां आमतौर पर कोई नहीं जाता। स्थानीय लोग बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक लगाते हैं, इसलिए वे एक स्थानीय गाइड को अपने साथ लेते हैं। लेकिन यात्रा के दौरान वे एक ऐसे निषिद्ध क्षेत्र के सामने आ पहुंचते हैं, जहां प्रवेश द्वार पर पांच घंटियां बंधी हैं और एक बड़ा बोर्ड लगा है – ‘अंदर जाना पूरी तरह मना है’।
इंसान स्वाभाविक रूप से निषिद्ध चीजों के प्रति अधिक उत्सुक होता है, और इसलिए इन पांच दोस्तों में से एक उस बाड़ को तोड़कर अंदर चला जाता है। गाइड उन्हें कड़ाके से चेतावनी देता है कि, इसके बाद जो कुछ भी होगा उसके लिए वे खुद जिम्मेदार होंगे। इसके तुरंत बाद, उनमें से एक कैमरे में तस्वीरें लेते हुए स्क्रीन पर एक बूढ़ी औरत का चेहरा देखकर डर जाता है। फिर एक खतरनाक शर्त लगाई जाती है – लाल दुपट्टा लेकर दो लोग जाएंगे और उसे बाड़ की घंटी से बांधकर आएंगे।
जो होना था वही होता है, वे दोनों वापस नहीं आते। और बचे हुए दोस्त उन्हें ढूंढकर जीवित भी नहीं रह पाते। इस जंगल की गहराई में एक पुराना घर छिपा है, जहां इंसान नहीं, ‘मशान’ रहता है। हालांकि, ‘पेची’ सिर्फ एक सामान्य हॉरर फिल्म नहीं है। इसकी कहानी में असाधारण मोड़ हैं और क्लाइमेक्स में एक ऐसा ट्विस्ट है जो दर्शकों को चौंका देगा।
अनुभव और संदेश
यह लगभग पौने दो घंटे की फिल्म देखने के बाद शायद दर्शक फिर कभी कैंपिंग के बारे में सोचना भी नहीं चाहेंगे। यहां तक कि परियों जैसी दिखने वाली लड़कियों से बात करने से पहले भी वे शायद सौ बार सोचेंगे। ‘पेची’ एक ऐसी हॉरर फिल्म है जो केवल डराती नहीं है, बल्कि इसके माध्यम से एक गहरा संदेश और प्रचलित लोककथाओं के प्रति नए सिरे से ध्यान आकर्षित करती है। इसमें अनावश्यक या बेकार के डरावने दृश्य नहीं हैं, जो इसे परिवार के साथ भी देखने के लिए उपयुक्त बनाता है।
यदि आप हॉरर फिल्मों के शौकीन हैं और साथ ही एक मजबूत कहानी का आनंद लेना चाहते हैं, तो अमेजन प्राइम पर हिंदी डबिंग में उपलब्ध ‘पेची’ आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकती है।
Add comment